मंगलवार या शनिवार के दिन काले धतूरे की जड़ पीड़ित व्यक्ति के दाहिनी बांह पर बांध दें। यदि वह स्त्री है तो धतूरे की जड़ उसकी बाईं बांह पर बांधे। इस दौरान ग्यारह बार हनुमान चालिसा का पाठ अवश्य पढें। हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। इन्द्रजाल द्वारा पति-पत्नी के https://www.youtube.com/@Mahavidyabaglamukhi